शहीद- ए- आज़म भगत सिंह नगर (चंडीगढ़) 26 नवंबर - भारतीय क्रांतिकारी मार्कसवादी पार्टी (आर. एम.पी.आई.) की पहली चार दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन यहाँ मोदी सरकार की साम्राज्यावादी देशों, बहुकौमी निगमों और कॉर्पोरेट घरानों के हितों की रक्षा के लिए बनी तथा गरीबी, बेरोजग़ारी और महँगाई में निरंतर वृद्धि करने वाली नीतियों का रास्ता रोकनो के लिए एक विशाल जनलहिर खड़ी करने के लिए वाम शक्तियों का मज़बूत मोर्चा बनाने के संकल्प के साथ सम्पन्न हो गई।
23 नवंबर से 26 नवंबर तक चली इस कान्फ्ऱेंस में संघ परिवार की साजिश के अंतर्गत भारत को एक कट्टर हिंदु राज में तबदील करन के भद्दे इरादो के साथ अल्पसंख्यकों खि़लाफ़ किये जा रहे कातिलाना हमलों, सांप्रदायिक झूठ प्रचार, इतिहास और पाठक्रमें से भन्नतोड़ विरुद्ध विशाल लामबंदी करन का भी संकल्प लिया गया।
कान्फ्ऱेंस की तरफ से निर्णय लिया गया कि भारत में समय वेहाय उठाईं पतन की कदरों- कीमतों अधीन शंस्थागत रूप धारण कर चुके अपने आप बना उच्च जाति अहंकार में से जन्म ले दलितों खि़लाफ़ होते जाति-पाती ज़ुल्मों और पित्तर-सत्तावादी सोच में से पैदा हुए औरतें खि़लाफ़ होते लिंग आधारित अपराधों और चौतरफा भेदभाव खि़लाफ़ संग्रामों की उसारी साथ साथ हर स्तर पर विचारधारक मुहिम तीखी की जायेगी। कान्फ्ऱेंस ने यह भी नोट किया कि भारत सब से अधिक युवा शक्ति वाला देश होने के बावजूद यहाँ जवानी को रचनात्मिक सीध और स्थायी रोजग़ार देने वाली कोई नीति किसी भी सरकार ने नहीं बनाई। पार्टी इस युवा शक्ति को जत्थेबंद करके संघर्षों के मैदान में उतारने के लिए विशेष और बंधे उपराले करेगी।
अंतिम वाले दिन सम्मेलन की तरफ से सर्व समिति के साथ नयी केंद्रीय समिति, कंट्रोल कमीशन का चायन किया गया, जिस अनुसार साथी के. गंगाधरन चेयरमैन, साथी मंगत राम पासला महा सचिव और साथी रजिन्दर परांजपे खज़़ानची चुने गए। इस के इलावा सर्व साथी हरकंवल सिंह एवं के. हरीहरन स्टैंडिंग समिति के मैंबर चुने गए। केंद्रीय कमेटी में साथी रघबीर सिंह, गुरनाम सिंह दाऊद, कुलवंत सिंह संधू, महीपाल, टी. एल. संतोष, के. के. रेमा, एन. रेनूं, टी. कुमारमकुटी, एम. राजागोपाल, सी. चेतलासामी, पी. ऐमावासी, संजय राऊत, रमेश ठाकुर, इन्द्रजीत सिंह ग्रेवाल, तेजिन्दर सिंह थिंद, मनदीप सिंह, बाली राम चौधरी, बी. करिशनन, केंद्रीय समिति के मैंबरान चुने गए।
सम्मेलन की तरफ से पार्टी प्रोगराम, राजसी संकल्प और विधान सर्वसमिति के साथ स्वीकृत किये गए। जिस में समाजवादी देशों की साम्यवादी पार्टियाँ, ग़ैर समाजवादी देशों की साम्यवादी पार्टियों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाएं। एक और संकल्प के द्वारा भारत सरकार से माँग की कि वह तामिलनाडु के मछुआरों की मुश्किलों श्रीलंका की सरकार के साथ बातचीत द्वारा हल करवाएं।
एक और पास पास किये गए एक ओर संकल्प के द्वारा माँग की गई कि सर्वउच्च अदालत के फैसले बराबर काम बदले बराबर उजरत को सरकार बिना देरी असल भावना में लागू करे।
सम्मेलन ने एक अलग संकल्प में कहा कि केरल में आर. एम. पी. आई. कार्यकत्ताओं पर केरल सरकार की तरफ से दमन किया जा रहा है। सम्मेलन ने चलते दमन की निंदा करते सीपीआई (एम) को कहा कि वह केरल स्टेट समिति को दमन बंद करने को बोले। सम्मेलन में कहा कि यह वाम एकता में बड़ी रुकावट है और साम्यवादी किरदार के उलट है।
23 नवंबर से 26 नवंबर तक चली इस कान्फ्ऱेंस में संघ परिवार की साजिश के अंतर्गत भारत को एक कट्टर हिंदु राज में तबदील करन के भद्दे इरादो के साथ अल्पसंख्यकों खि़लाफ़ किये जा रहे कातिलाना हमलों, सांप्रदायिक झूठ प्रचार, इतिहास और पाठक्रमें से भन्नतोड़ विरुद्ध विशाल लामबंदी करन का भी संकल्प लिया गया।
कान्फ्ऱेंस की तरफ से निर्णय लिया गया कि भारत में समय वेहाय उठाईं पतन की कदरों- कीमतों अधीन शंस्थागत रूप धारण कर चुके अपने आप बना उच्च जाति अहंकार में से जन्म ले दलितों खि़लाफ़ होते जाति-पाती ज़ुल्मों और पित्तर-सत्तावादी सोच में से पैदा हुए औरतें खि़लाफ़ होते लिंग आधारित अपराधों और चौतरफा भेदभाव खि़लाफ़ संग्रामों की उसारी साथ साथ हर स्तर पर विचारधारक मुहिम तीखी की जायेगी। कान्फ्ऱेंस ने यह भी नोट किया कि भारत सब से अधिक युवा शक्ति वाला देश होने के बावजूद यहाँ जवानी को रचनात्मिक सीध और स्थायी रोजग़ार देने वाली कोई नीति किसी भी सरकार ने नहीं बनाई। पार्टी इस युवा शक्ति को जत्थेबंद करके संघर्षों के मैदान में उतारने के लिए विशेष और बंधे उपराले करेगी।
अंतिम वाले दिन सम्मेलन की तरफ से सर्व समिति के साथ नयी केंद्रीय समिति, कंट्रोल कमीशन का चायन किया गया, जिस अनुसार साथी के. गंगाधरन चेयरमैन, साथी मंगत राम पासला महा सचिव और साथी रजिन्दर परांजपे खज़़ानची चुने गए। इस के इलावा सर्व साथी हरकंवल सिंह एवं के. हरीहरन स्टैंडिंग समिति के मैंबर चुने गए। केंद्रीय कमेटी में साथी रघबीर सिंह, गुरनाम सिंह दाऊद, कुलवंत सिंह संधू, महीपाल, टी. एल. संतोष, के. के. रेमा, एन. रेनूं, टी. कुमारमकुटी, एम. राजागोपाल, सी. चेतलासामी, पी. ऐमावासी, संजय राऊत, रमेश ठाकुर, इन्द्रजीत सिंह ग्रेवाल, तेजिन्दर सिंह थिंद, मनदीप सिंह, बाली राम चौधरी, बी. करिशनन, केंद्रीय समिति के मैंबरान चुने गए।
सम्मेलन की तरफ से पार्टी प्रोगराम, राजसी संकल्प और विधान सर्वसमिति के साथ स्वीकृत किये गए। जिस में समाजवादी देशों की साम्यवादी पार्टियाँ, ग़ैर समाजवादी देशों की साम्यवादी पार्टियों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाएं। एक और संकल्प के द्वारा भारत सरकार से माँग की कि वह तामिलनाडु के मछुआरों की मुश्किलों श्रीलंका की सरकार के साथ बातचीत द्वारा हल करवाएं।
एक और पास पास किये गए एक ओर संकल्प के द्वारा माँग की गई कि सर्वउच्च अदालत के फैसले बराबर काम बदले बराबर उजरत को सरकार बिना देरी असल भावना में लागू करे।
सम्मेलन ने एक अलग संकल्प में कहा कि केरल में आर. एम. पी. आई. कार्यकत्ताओं पर केरल सरकार की तरफ से दमन किया जा रहा है। सम्मेलन ने चलते दमन की निंदा करते सीपीआई (एम) को कहा कि वह केरल स्टेट समिति को दमन बंद करने को बोले। सम्मेलन में कहा कि यह वाम एकता में बड़ी रुकावट है और साम्यवादी किरदार के उलट है।
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